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Inauguration of Satyam Shivam Sundaram Mela
दादी जी प्रजापिता ब्रह्माकुमारी संस्थान द्वारा दत्त अखाड़ा क्षेत्र में बड़नगर रोड पर लगाए गए सत्यम शिवम सुन्दरम मेले के उद्घाटन अवसर पर अपने विचार व्यक्त कर रही थीं। उन्होने आगे कहा कि वर्तमान समय परमात्मा नई दुनिया की स्थापना करा रहे है। उस दुनिया में जाने के लिए दैवी गुणों की धारणा जरूरी है। उन्होंने कहा कि अगर हम अपने अंदर दैवी गुण धारण करने लग जाएं तो सुख जरूर मिलेगा। जैसा हम कर्म करेंगे, जैसा संस्कार बनायेंगे उसके अनुरूप ही भविष्य में हमें जन्म और संस्कार मिलेगा इसलिए हमें अपने कर्म में सुधार लाने की जरूरत है।
समारोह में उपस्थित परमार्थ निकेतन आश्रम, ऋषिकेश के अध्यक्ष स्वामी चिदानंद सरस्वती ने कहा कि मेला लोगों के मेल- मिलाप के लिए होता है न कि मैला होने के लिए। मेला अनुशासन के हाथ में हो, शासन के हाथ में नहीं। उन्होंने कहा कि ओमशान्ति में बहुत शक्ति है, इसे हमें अपनी दिनचर्या का अंग बनाना होगा। उन्होंने ब्रह्माकुमारी संस्थान की भूरी-भूरी प्रशंसा करते हुए कहा कि सत्यम शिवम सुन्दरम मेले के माध्यम से यह संस्थान लोगों को देश की मूल संस्कृति से जोड़ने का कार्य कर रहा है। उन्होंने सभा में उपस्थित लोगों से क्षिप्रा को प्रदूषण से बचाने और उसमें नहाते समय साबुन का उपयोग न करने की शपथ दिलाई।
केन्द्रीय सिहंस्थ मेला आयोजन समिति के अध्यक्ष्ा माखन सिंग ने बतलाया कि पुराण में उल्लेख है कि अमृत के लिए देव और दानवों में संघर्श चला। अब फिर से वही अच्छाई के लिए संघर्श करने का समय आया है। उन्होंने आशा व्यक्त की कि ब्रह्माकुमारीज के इस मेले से समाज को सुखमय बनाने में मदद मिलेगी।
चारधाम उज्जैन के महामण्डलेश्वर स्वामी शान्ति स्वरूपानंद गिरी जी कहा कि समाज की वर्तमान हालात को देखतें हूए आज पुनः मंथन और चिंतन करने का समय आ पहुंचा है। हमे आत्म साक्षात्कार की आवश्यकता है। इस आध्यात्मिक वातावरण को देखकर लगता है कि सतयुग अवतरित हुआ है, लोग कहतें सतयुग आयेगा किन्तु जबकि जब इस आध्यात्मिक मेले में संत, महानआत्माओं के संग रह रहें है, तो इस समय यह सतयुग ही है।
उज्जैन के सांसद चिन्तामणी मालवीय ने मेले की सफलता के लिए शुभकामनाएॅं देते हुए कहा कि पिछले कुछ दिनों से विश्व में रक्तरंजित घटनाओं को देखते हूए विश्व शान्ति के लिए हमारे प्रयास कम पड़ रहे है। ऐसे समय पर ब्रह्माकुमारी संस्थान के इस आध्यात्मिक मेले से मानवीय मूल्यों की पुनस्र्थापना संभव है।
कार्यक्रम के प्रारम्भ में इंदौर स्थित दिव्य जीवन कन्या छात्रावास की कन्याओं ने स्वागत नृत्य प्रस्तुत किया। मेले का उददेष्य को स्पष्ट करतें हूुए माउण्ट आबू से पधारे ब्रह्माकुमार मृत्युंजय ने कहा कि उज्जैन के पावन भूमि पर इस आध्यात्मिक मेले से विश्व में शान्ति स्थापित करने में मदद अवश्य मिलेगी।
उज्जैन, 24 अप्रैल: सिंहस्थ में प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय की संयुक्त मुख्य प्रशासिका राजयोगिनी दादी रतनमोहिनी की आज धूमधाम से शोभाया़त्रा के रूप में पेशवाई हुई। मनोरमा गार्डन में मध्यप्रदेश शासन की ओर से शिक्षा राज्यमंत्री पारस जैन ने दादी रतनमोहिनी का अभिनन्दन किया।
नगर वासियों में दादी रतन मोहिनी के दर्शन के लिए भारी उत्साह देखने को मिला। महापौर मीना जौनवाल और उज्जैन सिंधी समाज के लोगों ने मोमेन्टो प्रदान कर दादी रतनमोहिनी का अभिनन्दन किया। इसके अलावा जगह-जगह पर समर्थ सेवा समिति, बीएसएनएल कर्मचारी सहित कई सामाजिक संस्थाओं एवं प्रबुद्ध नागरिको ने उनका स्वागत किया।

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