Brahma kumaris ujjain
उज्जैन में महाकाल लोक लोकार्पण कार्यक्रम मैं संतो के साथ ब्रह्माकुमारी बहनों का सम्मान-
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CENCER PROGRAM UJJAIN CENTER
उज्जैन, केंसर दिवस के उपलक्ष्य में ब्रह्माकुमारीज के शिवदर्शन धाम परिसर के हाॅरमनी हाॅल मे, कार्यक्रम आयोजित किया गया। जिसमें मुख्य अतिथि के रूप में स्त्रीरोग विशेषज्ञ एवं सक्रिय समाज सेवी श्रीमति डाॅ.सलूजा उपस्थित हुई जो की इंग्लैण्ड में 10 वर्षो से प्रेक्टिस करने के पश्चात् सन् 1985 से लगभग 35 वर्षो से उज्जैन में सक्रिय रूप से कार्यरत हैं
एवं विशेष अतिथि डाॅ. राकेश (ब्लाक मेडिकल आफिसर तराना) तथा उज्जैन संभाग की निर्देशिका राजयोगिनी ब्र.कु. उषा दीदी की अध्यक्षता में कार्यक्रम हुआ।
ब्रह्माकुमारी मंजु बहन ने मंच संचालन करते हुए विश्व केंसर दिवस कार्यक्रम की थीम वर्ष 2020 “मैं हूँ ओर मैं रहूँगा” से सभा को अवगत कराया।
ब्लाक मेडिकल आफिसर डाॅ. राकेश ने पी.पी. टी प्रोजेक्टरर स्लाईड शो के माध्यम से केंसर की प्राथमिक स्टेज, लक्षण और विभिन्न अवस्था तथा इसके उपचार से संबंधित विस्तृत जानकारी दी ।
कार्यक्रम की थीम पर मुख्य अतिथि श्रीमति डाॅ. सलूजा ने अपने उद्बोधन मेें केंसर की रोकथाम और उसकी प्रारंभिंक अवस्था तथा उपचार हेतु समाज में जागृति लाने हेतु प्रेरित किया, केंसर की रोकथाम हेतु उन्होने कहा कि, कोई भी चाहे महिला हो या पुरूष प्राथमिक स्टेज पर लापरवाही न बरतें। गठान या अन्य कोई लक्षण की स्थिति में तुरन्त चेकअप करायें। और इस बिमारी के डिप्रेशन से अपने को बचायें। इसमें सर्तकता रखते हुये साथ-साथ राजयोग मेडिटेशन का प्रतिदिन अभ्यास करते हुये-खुद को पाजिटिव बनायें। पूर्ण सर्तकता से मरीज 3तक एवं 4जी स्टेज केंसर से भी बाहर आ सकता है। अतः समाज में पूर्ण जागरूकता की आवश्यकता है।
उन्होने अपना अनुभव व्यक्त करते हुए बताया कि मैं स्वयं भी इस केंसर की अवस्था से लड़ाई लड़कर बाहर आई हूॅ। जब मे उस अवस्था मंे थी तब अपनी सर्तकता, उपचार एवं प्रतिदिन राजयोग मेडिटेषन के माध्यम से मैं इस बिमारी से आज पूर्णतः मुक्त हूँ। एवं वर्तमान में मरीजो का ईलाज तथा आॅपरेशन भी करती हुँ। मेरे द्वारा एक समुह बनाया गया है जिसमे केंसर एवं अन्य बिमारी से पीड़ितो का उपचार किया जाता है।
उज्जैन संभाग की निर्देशिका राजयोगिनी ब्र.कु. उषा दीदी ने अपने आर्शिवचन में कहा कि आज समाज में बढ़ती केंसर जैसी अनेक बिमारियों से मुक्त होने हेतु समाज में जाग्रति लाने की बहुत जरूरत है। उन्होने सभा में उपस्थित सभी का आभार व्यक्त किया तथा श्रीमति डाॅ. सलूजा को शाल एवं श्रीफल तथा ईश्वरीय सौगात प्रदान कर सम्मानित किया ।
इस कार्यक्रम में संस्था के सभी सदस्य तथा श्रोतागण के रूप में उज्जैन के सभी गणमान्य नागरिक उपस्थित हुये।
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हर कर्म ईश्वर को समर्पित होकर करें… ब्रह्माकुमारी सरिता दीदी
प्रेस विज्ञप्ति
हर कर्म ईश्वर को समर्पित होकर करें… ब्रह्माकुमारी सरिता दीदी
उज्जैन ३ मई : प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय द्वारा सिंहस्थ में दत्त अखाड़ा क्षेत्र बडऩगर रोड में सत्यम शिवम सुन्दरम मेले में आयोजित राजयोग श्वििर में ब्रह्माकुमारी सरिता बहन ने ईश्वरीय महावाक्यों का महत्व बतलाते हुए कहा कि हर कर्म ईश्वर के प्रति समर्पण भाव से करे तो कोई भी पाप कर्म नहीं होगा और कर्म में सफलता भी मिलेगी। उन्होंने कर्मों की गहन गति को स्पष्ट करते हुए कहा कि श्रीमदभगवद्गीता के अनुसार हर कर्म का फल अवश्य मिलता है। आत्मा अपना ही मित्र और अपना ही शत्रु है। आपका मन इसका दर्पण है। एक बार मन आवाज अवश्य देता है कि इस कर्म का फल कैसा होगा। आज कोई धर्मशाला का निर्माण करता है, तो उसको रहने के लिये अच्छे मकान मिल जायेंगे। कोई विद्यालय बनवाता है तो उसको अच्छी बुद्घि प्राप्त होती है। इसी प्रकार यदि कोई स्वास्थ्य सेवाओं में अपना सहयोग देता है तो उसे अच्छा स्वास्थ्य प्राप्त होता है। यह सभी प्राप्तियाँ एक जन्म के लिए होती हैं। किन्तु वर्तमान संगम युग अर्थात पुरूषोत्तम माह में दान पुण्य करने से उसका लाभ कई गुणा होकर इक्कीस जन्मों के लिए प्राप्त होता है।
ब्रह्माकुमारी सरिता दीदी ने आगे कहा कि भविष्य के बारे में चिन्तन करें, लेकिन चिन्ता नही करें क्योंकि चिन्ता करने से हमारी एकाग्रता कम हो जाती है। चिन्ता करने से सोचने की शक्ति नष्टï होने लगती है। उन्होने चिन्ता और तनाव को आधुनिक जीवन की सबसे भयावह बीमारी बतलाते हुए कहा कि तनाव के कारण शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता कम हो जाती है और हमारा शरीर छोटी-छोटी बीमारियों का सामना करने में भी असमर्थ हो जाता है। वैज्ञानिकों ने अनुसंधान के बाद यह सिद्घ किया है कि जो व्यक्ति बहुत समय तक चिन्ता करता है, धीरे-धीरे उसकी स्मरण शक्ति घटने लगती है।
अपने प्रवचन में उन्होने आगे कहा कि चिन्ता बहुत से मनोरोगों की जनक है। एक सर्वेक्षण के अनुसार हमारे देश में पांच करोड़ लोग चिन्ता की बिमारी से ग्रसित हैं। उन्होने चिन्ता उत्पन्न होने के कारणों की चर्चा करते हुए कहा कि लोगों की यह जिद ही चिन्ता का प्रमुख कारण है कि मैं जो चाहती हूॅं वही होना चाहिए तथा जो मुझे पसन्द नही है वह कार्य कभी कोई न करे।
आज सत्यम शिवम सुन्दरम मेले का अवलोकन करने के लिए कबीरपंथी संत और नेता नारायण प्रसाद जो कि मध्यप्रदेश हस्तशिल्प एवं हाथकरघा विकास निगम के अध्यक्ष भी हैं, मेला स्थल पर पधारे। मेले का अवलोकन करके वह बहुत खुश हुए। बाद में उन्होंने अपना अभिमत व्यक्त करते हुए कहा कि माँ देवी का रूप बनकर जो ब्रह्माकुमारियाँ बहनें चैतन्य देवियों की झाँकी दिखा रही हैं, वइ अनूठा है। मेले में परमात्मा से मिलने का मार्ग दिखाया जा रहा है, इससे लोगों को शान्ति की अनुभूति होगी। प्रदर्शनी बहुत ही शानदार और देखने लायक है। आज ही रामकृष्ण मिशन के स्वामी ओमानन्द जी भी मेला देखने के लिए पधारे थे।
प्रेषक: ब्रह्माकुमार हीरेन्द्र भाई, मीडिया प्रभाग, मेला ग्राउण्ड, उज्जैन
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Devkinandan Thakurji Maharaj visited Brahma kumaris Mela
मानव कल्याण औरविश्व शाति के लिये अपने उदगार व्यक्त करते हुए कहा कि ऋषियों की वाणी के अनुसार सर्वे भवन्तु सुखिनः की पद्धति में मानव सेवा ही ईश्वर की सेवा है और जितने आप शान्त रहकर शान्ति के प्रकम्पन्न दूसरों को देंगे वही आपको वापिस मिलेगा। हमें अच्छे संस्कार अपने बच्चों को देना चाहिये। जब अपने जीवन का लक्ष्य ईश्वर की भक्ति के साथ उससे होने वाली प्राप्तियों के प्रति समर्पित भाव होगा तब आपका मन शान्त और सन्तुष्ट रहेगा। आपने अन्तर्राष्ट्रीय योग दिवस के संदर्भ में कहा कि हमारे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी का ये सुन्दर प्रयास! जो कि भारत आध्यात्म के क्षेत्र में आगे रहा है, और सदैव आगे रहेगा। योग से जब हम स्वस्थ रहेंगे तो ईश्वर भक्ति में भी हमारा मन रमा रहेगा इसी से ईश्वर की प्राप्ति होगी और मन को भी शान्ति मिलेगी। आपने कहा कि परमात्मा दो नहीं है लेकिन परमात्मा एक ही है, यह तो अपने-अपने देखने का दृष्टिकोण है।
है कि आप प्रगति के पथ पर सतत् आगे बढ़ते रहें और मुझे जब भी अवसर मिलेगा मैं ऐसे आयोजनों में आता रहूंगा और मेरा साथ रहेगा।
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