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1.जीवन रूपी झूले की दो रस्सियॉ हैं धर्म और कर्म…. ब्रह्मïकुमारी समिता
प्रेस विज्ञप्ति १:
जीवन रूपी झूले की दो रस्सियॉ हैं धर्म और कर्म…. ब्रह्मïकुमारी समिता
राजयोग के नियमित अभ्यास से अष्ट शक्तियों की प्राप्ति होती है।
उज्जैन, २१ मई : जीवन के दो महत्वपूर्ण पहलू हैं धर्म और कर्म। जीवन में आध्यात्मिकता को अपनाना इन दोनों के बीच उचित संतुलन को अपनाने के समान हैं। मैं आत्मा इस शरीर के द्वारा कर्म कर रही हूॅ इस भावना को धारण कर के कर्म करना ही आध्यात्मिक जीवन का आधार हैं। ऐसी स्थिति में किये कर्म हमारे पुण्य का खाता बढाते हैं।
उक्त बातें प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय द्वारा दत्त अखाड़ा क्षेत्र बडऩगर रोड में सत्यम शिवम सुंदरम आध्यात्मिक मेले में आयोजित राजयोग अनुभूति शिविर में परमात्म महावाक्य सुनाते हुए ब्रह्मïाकुमारी समिता दीदी ने कहे। उन्होंने कहा कि राजयोग का नियमित अभ्यास करने से हमें अष्ट शक्तियों की प्राप्ति होती है। ये शक्तियां हैं- समाने की शक्ति, सहयोग की शक्ति, समेटने की शक्ति, निर्णय तथा परखने की शक्ति, विस्तार को सार में लाने की शक्ति तथा सहन शक्ति। ये शक्तियां देवी-देवताओं में होती थीं जिसकी याद में उन्हें अष्टभुजा के रूप में दिखाते हैं तथा हम उनकी पूजा करते हैं।
राजयोग के बहुत ही आसान नियम हैं – अपने को परमात्मा की संतान मानना, प्रतिदिन प्रात: ब्रह्म मुहूर्त में उठना, प्रतिदिन सत्संग करना, मन-वचन-कर्म से किसी को दुख नहीं देना एवं रात्रि सोने से पूर्व दिनभर की दिनचर्या परमात्मा को सुनाना आदि। इन नियमों को अपनाने से हमारे कर्मोंमें सुधार आती है एवं कर्म धारणायुक्त बन जाती हैं।
उन्होंने कहा कि जिस प्रकार झूला झूलने में आनंद तभी मिलता है जब झूले की दोनों रस्सियां मजबूत हों ठीक उसी प्रकार कर्म और योग व धर्म और कर्म का संतुलित समावेश जीवन में आनंद की प्राप्ति के लिये आवश्यक है। परमात्म प्यार के अनुभव के लिये हमें पांच खोटे सिक्के काम, क्रोध, लोभ, मोह, अहंकार और एक आना देना होगा। अर्थात् बुराईयों रूपी पांच खोटे सिक्के और एक आना अर्थात् रोज एक बार सत्संग करना आवश्यक है।
प्रेस विज्ञप्ति २:
चैतन्य देवियों के दर्शन के लिये देर रात तक लगी रही श्रद्धालुओं की भीड़
उज्जैन, २१ मई : प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय द्वारा दत्त अखाड़ा क्षेत्र बडऩगर रोड में आयोजित सत्यम शिवम सुंदरम आध्यात्मिक मेले में लगाए गए ४० फीट ऊंचा लाइट एण्ड साउण्ड शो – चैतन्य देवियों की झांकी देखने के लिये देर रात तक भक्तों की भीड़ लगी रही। देवी मां के साक्षात दिव्य रूप के दर्शन से मन में शक्ति का संचार महसूस होता है। झांकी में ब्रह्माकुमारी बहनों के चैतन्य दिव्य रूप को देखकर दर्शक आपस में चर्चा करते रहे कि यह मूर्तियां हैं अथवा सजीव कन्याएं, ये अंतर जान पाना बहुत कठिन है।
प्रेषक: मीडिया प्रभाग,
प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय
सत्यम शिवम सुन्दरम मेला परिसर, दत्त अखाड़ा क्षेत्र,
उज्जैन सम्पर्क: ९४२५५१९५१४
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