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1.देह अभिमान है विकारों की जड़ – ब्रह्माकुमारी समिता दीदी/ 2.ब्रह्माकुमारी संस्थान कर रहा सभी वर्गों का उत्थान : महामण्डलेश्वर महंत चंद्र देवदास
देह अभिमान है विकारों की जड़ – ब्रह्माकुमारी समिता दीदी
उज्जैन, १७ मई: प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय द्वारा दत्त अखाड़ा क्षेत्र बडऩगर रोड में आयोजित राजयोग अनुभूति शिविर में ब्रह्माकुमारी समिता दीदी ने आज कहा कि संसार एक नाटक है और आत्मा उस नाटक में एक एक्टर के समान है। वास्तव में परमात्मा ने तो एक स्वर्णिम दुनिया की स्थापना की थी। जो कि सतयुग और त्रेता युग में स्वर्ग कहलाता था। किन्तु जैसे एक घर नया बनाया जाता है, पुराना वह अपने आप हो जाता है। इसी तरह यह संसार भी समय के साथ पुराना हो गया। सतयुग और त्रेतायुग में आत्मा समस्त ऐश्वर्य से सम्पन्न थी किन्तु उन साधनों में उसका लगाव तनिक मात्र भी नहीं था। जिसके कारण वह सुखी थी।
ब्रह्माकुमारी समिता दीदी ने कहा कि यह एक ह्यूमन नेचर है कि जिसके साथ वह ज्यादा समय व्यतीत करता है, उससे मोह हो जाता है। इसी तरह आत्मा को भी नाटक करते-करते द्वापर युग में इस दुनिया, देह और देह के संबंधियों से मोह हो गया। छोटा-बड़ा, अमीर-गरीब, सुंदर-बदसूरत का भाव आने से विकारों की प्रवेशता हो गई। आत्मा देह-अभिमान के वशीभूत हो गया। जैसे-जैसे मोह बढ़ता गया, आत्मा की शक्ति, मनोबल, कलायें कम होती गईं।
आत्मा की शक्ति कम होने के कारण अनेक धर्मपिताओं, महानात्माओं एवं साधु-संतों का जन्म हुआ जिन्होंने प्रेम, शांति, दया का संदेश दिया। बाद में उनके अनुयायियों ने उनका धर्म-शास्त्र बना दिया। आदि-सनातन देवी-देवता धर्म की स्थापना स्वयं भगवान ने भारत में की थी। आज हमारे अंदर देवतायी गुण न रहने के कारण हमने इसे आदि-सनातन हिन्दू धर्म कह दिया।
परमात्मा शिव को महाकाल का नाम इसलिये दिया गया है क्योंकि वे इस संसार रुपी नाटक के अंत अर्थात कलयुग के अंत में आकर सभी आत्माओं को मुक्त करके अपने साथ ले जाते हैं।
ब्रह्माकुमारी संस्थान कर रहा सभी वर्गों का उत्थान : महामण्डलेश्वर महंत चंद्र देवदास
उज्जैन, १७ मई: प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय द्वारा सिंहसथ में दत्त अखाड़ा क्षेत्र में बडऩगर रोड पर लगाए गए सत्यम शिवम सुन्दरम मेले का अवलोकन करने के लिए आज श्री १००८ श्री महामण्डलेश्वर श्रीमहंत चंद्रदेवदास पधारे।
महंत चंद्रदेव दास ने मेला देखने के बाद आज चैतन्य देवियों की झांकी का उद्घाटन किया और आशीर्वचन देते हुए कहा कि ब्रह्माकुमारी संस्थान आदिवासियों से लेकर उच्च वर्गों तक नैतिकता के उत्थान का कार्य कर रहा है। इन्हीं सेवाकार्यां की देन है कि पूरे विश्व में अनेक स्थानों पर इन्होंने कीर्ति हासिल की है। इनका जीवन साधना में दिन-रात लगा रहता है।
मेले की प्रशंसा करते हुए उन्होंने कहा कि इस कुंभ मेले में ये आयोजन इतना सुंदर है कि यहां से जाने का दिल नहीं करता।
प्रेषक: मीडिया प्रभाग,
प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय
सत्यम शिवम सुन्दरम आध्यात्मिक मेला, उज्जैन
फोन: ०७३४-२९७०००२
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