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कर्म और योग का सामन्जय ही कर्मयोग व राजयोग है… ब्रह्माकुमारी मंजु दीदी

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प्रेस विज्ञप्ति

कर्म और योग का सामन्जय ही कर्मयोग व राजयोग है… ब्रह्माकुमारी मंजु दीदी

उज्जैन ६मई :प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय द्वारा दत्त अखाड़ा क्षेत्र बड़नगर रोड में आयोजित राजयोग अनुभूति शिविर के दूसरे सत्र के द्वितीय दिवस पर ब्रह्माकुमारी मंजु दीदी ने कहा कि कर्म करते हुए परमात्मा की याद ही कर्मयोग है। गीता में भगवान ने अर्जुन को कर्मयोग का ही संदेश दिया है। राजयोग को सभी योगों का राजा कहा गया है, जिसमें ज्ञानयोग, भक्तियोग, समत्वयोग सन्यासयोग हठयोग, बु‍िद्धयोग, कर्मयोग सभी शामिल हैं। मनुष्य कर्म के बिना नहीं रह सकता इसलिये मनुष्य के जीवन में कर्मयोग का विशेष महत्व है। जब हम कर्म करते हुए ईर्ष्या, द्वेष, घृणा,आदि इन भावनाओं से मुक्त होकर कर्म करते हैं, इसे ही कर्मयोग में ही शामिल किया गया है। श्रीमद् भागवद् गीता में स्पष्ट लिखा है कि हे अर्जुन योग में स्थित होकर कर्म कर, सफलता और असफलता में समान स्थिति में स्थित रह, यही योग की उच्च स्थिति है। कर्म में समर्पणमयता ईमानदारी, नि:स्वार्थ भाव ही कर्मयोग है। उन्होंने आगे कहा कि गीता में कर्मयोग से हमारी स्थिति श्रेष्ठ बन जाती है। रमणीकता और गम्भीरता दोनों का संतुलन हमारे जीवन में आ जाता है। सुख-दु:ख, सफलता-असफलता, जय-पराजय, मान-अपमान और निन्दा-स्तिुति में योगी समान स्थिति में स्थिर रहता है। प्रत्येक मनुष्यात्मा अपने भाग्य और समय का निर्माता स्वयं होता है। कर्मों की गति अति गुह्य और श्रेष्ठ है। सत्य को सिद्घ करने की आवश्यकता नहीं होती, वह तो स्वयं ही सिद्घ होता है आज नहीं तो कल। सत् और शुभ कर्मों का बीज यदि आप आज बोते हैं तो आपका जीवन श्रेष्ठ और महान बन जाता है। आपके  संस्कार वैसे ही श्रेष्ठ बन जाते हैं, जो आपको सदा ही अच्छे कर्म करने की प्रेरणा ही देते हैं। इसलिये जीवन में सत्कर्मों की पहचान करना आवश्यक है। शरीर तो विनाशी है, इसके प्रति आसक्त होकर कर्म करने से, वह कर्म पाप के खाते में जमा होता है। आप अपनी दृष्टि को गुणग्राही बनायें। ’सुख देना और सुख लेना’ यही महामंत्र अपने जीवन में अपना लें तो विपरीत परिस्थितियों में भी आप निराश व हताश नहीं होगें। कर्मों की गति में आपकी भाव और भावना  का बड़ा महत्व होता है। उदाहरण के लिये – कार्य पत्थर तोड़ने का है पर पूछने पर एक व्यक्ति प्रति उत्तर में कहता है कि मैं तो मजदूरी करके रोजी-रोटी कमा रहा हूँ। वहाँ दूसरा व्यक्ति जो कि मूर्तिकार है कहता है कि मैं तो कन्हैया की मूर्ति बना रहा हूँ जो कि मंदिर में  स्थापित होगी, जिसकी लोग पूजा अर्चना करेगें। यदि आप श्रेष्ठ कर्म करते हैं  तो वहाँ परमात्मा की मदद मिलती ही है, मांगने की आवश्यकता नहीं होती। कर्मों की गति में समय की भूमिका भी अपना महत्वपूर्ण स्थान रखती है। जैसे यदि एक किसान सही समय पर बीज बोता है तो उसकी फल भी उसे कम मेहनत में अधिक प्राप्त होता है। आत्मा को ही पुण्यात्मा, महान आत्मा, देवात्मा, व पापात्मा कहते हैं। शरीर तो एक कर्म करने का माध्यम है। यदि किसी कार का एक्सीडेन्ट हो जाता है तो कार को जेल में बंद नहीं करेंगें लेकिन उसकी सजा ड्राईवर को मिलेगी। इसी प्रकार आत्मा भी इस शरीर रूपी कार का ड्राईवर है। सुख दु:ख की भोगना आत्मा को ही होती है। एक बालक अच्छे परिवार में जन्म लेता है तो दूसरा जन्म से ही विकलांग पैदा होता है यह कर्मों का ही तो फल है।  गीता में लिखा है: ’योगस्थ कुरु कर्माणी संग व्यक्तत: धनंजय:, सिद्घ सिद्घयो समोभुत्वा समत्व योग उच्चयते।’

प्रेषक: ब्रह्माकुमार हीरेन्द्र भाई, मीडिया प्रभाग, मेला ग्राउण्ड, उज्जैन

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उज्जैन में महाकाल लोक लोकार्पण कार्यक्रम मैं संतो के साथ ​ब्रह्माकुमारी बहनों का सम्मान-

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उज्जैन में ज्योतिर्लिंग महाकालेश्वर मंदिर के विस्तारीकरण में महाकाल लोक का नव निर्माण किया गया।
श्री महाकाल लोक का लोकार्पण कार्यक्रम देश के माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के कर कमलों द्वारा संपन्न हुआ।
देश भर से 200 से अधिक ओजस्वी संतो की गरिमामई उपस्थिति रही। जिसमे ब्रह्माकुमारी संस्था को भी विशेष आमंत्रित किया गया। इंदौर जोन की प्रशासनिक निर्देशिका राजयोगिनी ब्रह्माकुमारी हेमलता दीदी जी एवं उज्जैन क्षेत्र की निर्देशिका राजयोगिनी ब्रह्माकुमारी उषा दीदी को विशेष अतिथि के तौर पर मध्य प्रदेश पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री उषा ठाकुर ने सम्मानित किया। साथ में ब्रम्हाकुमारी अनीता बहन (इंदौर)ब्रम्हाकुमारी उषा बहन(इंदौर), ब्रह्मा कुमारी मंजू बहन (उज्जैन)का भी सम्मान किया गया।
ब्रम्हाकुमारी बहनों ने मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान जी से मिलकर परमात्म संदेश दिया। देश भर के विशिष्ट साधु-संतों महामंडलेश्वर शांति स्वरूपानंद जी, बाल योगी उमेश नाथ जी, आचार्य अवधेशानंद जी, ऋषिकेश के चिदानंद सरस्वती जी, महामंडलेश्वर नारदानंद जी, सिंधी समाज के आतम दास जी , रामेश्वर दास जी, आदी अनेक संतों से मुलाकात हुई।       जिन के कुछ फोटो अटैच है
1.महामंडलेश्वर साधुओं से मिलते हुए ब्रह्माकुमारी दीदीया।                                      
2.माननीय मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान जी(मध्य प्रदेश) एवं महामंडलेश्वर बाल योगी उमेश नाथ जी ,राजयोगिनी हेमलता दीदी जी(निर्देशिका इंदौर),उषा दीदी जी(संचालिका उज्जैन)अनीता दीदी, उषा दीदी मंजू दीदी।,            
3.मध्य प्रदेश पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री श्रीमती उषा ठाकुर के साथ ब्रह्माकुमारी बहने. 
4.राजयोगिनी हेमलता दीदी जी का सम्मान करते हुए मध्य प्रदेश पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री श्रीमती उषा ठाकुर.                                              
5.वाल्मीकि धाम के महामंडलेश्वर बाल योगी स्वामी उमेश नाथ जी के साथ ब्रह्माकुमारी हेमा दीदी, ब्रम्हाकुमारी उषा दीदी, अनिता बहन, उषा बहन,मंजू बहन.                                  
6.उज्जैन सिंधी समाज के मुख्य अलग धाम मंदिर के पीठाधीश्वर स्वामी आतम दास जी महाराज ब्रह्माकुमारी मंजू बहन से चर्चा करते हुए      
7.संत सम्मान के बाद बहने
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Doctors day celebration ujjain Rishinagar

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प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय ऋषि नगर उज्जैन द्वारा 1 जुलाई को नेशनल डॉक्टर्स डे मनाया गया। शिव दर्शन धाम के हारमनी हॉल में आयोजित कार्यक्रम में शहर में सेवारत डॉक्टर का सम्मान किया गया। कार्यक्रम में शहर के जाने-माने डॉक्टर्स सम्मिलित हुए।
1. डॉक्टर सुशील गुप्ता
 ( एम.डी मेडिसिन ,डायरेक्टर एस एस हॉस्पिटल)
2. डॉक्टर राजेंद्र बंसल
( ई.एन.टी स्पेशलिस्ट ,डायरेक्टर संजीवनी हॉस्पिटल)
3. डॉक्टर जया मिश्रा (गायनेकोलॉजिस्ट ,डायरेक्टर जे.के नर्सिंग होम एंड स्टैड फोर्ड स्कूल)
4. डॉक्टर श्रीपाल देशमुख (चाइल्ड स्पेशलिस्ट, डायरेक्टर देशमुख हॉस्पिटल)
5. डॉक्टर भोजराज शर्मा (आर.एम.ओ सिविल हॉस्पिटल उज्जैन)
6. डॉक्टर महेश मरमट
(ऑर्थो स्पेशलिस्ट)
7. विकास उथरा
(चेस्ट स्पेशलिस्ट्स)
8.डॉ निलेश व्यापारी
   (होम्योपैथिक)
9.डॉक्टर राजेश मेहता
    (रेडियोलॉजिस्ट)
10.डॉक्टर रुचि उतरा
     (डेंटिस्ट).
11. डॉ विमल गर्ग
     (एम.डी मेडिसिन)
  डॉक्टर जया मिश्रा ने कहा मरीज और डॉक्टर का संबंध विश्वास पर टिकता है। मरीज के विश्वास का ही फल है कि डॉक्टर उसका इलाज कर पाता है।
 डॉक्टर महेश मरमट ने कहा डॉक्टर को भगवान ना समझे इंसान है इंसान ही रहने दे गलती उससे भी होती हैं।
डॉक्टर सुशील गुप्ता जी ने कहा फेमिली डॉक्टर वह ब्रिज है जो मरीज और स्पेशलिस्ट डॉक्टर को जोड़ता है। उसकी भूमिका बहुत बड़ी होती है।
डॉक्टर श्रीपात देशमुख जी ने कहा आज के समय में फिजिकल हेल्थ, मेंटल हेल्थ और इमोशनल हेल्थ तीनों का ही ध्यान रखना बहुत जरूरी है।
डॉक्टर भोजराज शर्मा जी ने कहा ब्रह्मा कुमारीज माउंट आबू में मेडिकल कॉन्फ्रेंस माइंड बॉडी मेडिसिन आयोजित किया जाता है ।जिसमें हम यह समझते हैं कि किसी भी बीमारी के इलाज में पहली भूमिका मन की फिर शरीर और अंत में मेडिसिन की है। राजयोग के निरंतर अभ्यास से हमारा मन शक्तिशाली बनता है शांति और धैर्य चित भी।
डॉक्टर विमल गर्ग जी ने फैमिली डॉक्टर की आवश्यकता पर प्रकाश डाला साथ ही अपने अनुभव से उन्होंने कहा राजयोग से मन में शीतलता,शांति और संतुष्टता की प्राप्ति होती है।
उज्जैन सेवा केन्द्र प्रभारी राजयोगिनी उषा दीदी जी के कर कमलों द्वारा सभी डॉक्टर्स को सम्मान पत्र एवं शॉल ओढ़ाकर  सम्मानित किया गया। कार्यक्रम का कुशल संचालन ब्रह्माकुमारी मंजू दीदी जी ने किया।
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23 March Brahma Kumaris Ujjain : Blood donation Camp

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