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1.Rajayoga Shivir Day Three Dt.29042016/ 2.Many Mahamandleswers visited Mela

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प्रेस विज्ञप्ति

काम, क्रोधादि विकारों ने जीवन को नर्क तुल्य बना दिया – ब्रह्माकुमारी विद्या दीदी

उज्जैन, 29 अप्रैलः वरिष्ठ राजयोग शिक्षिका ब्रह्माकुमारी विद्या दीदी ने कहा कि काम, क्रोध, लोभ, मोह और अहंकार आदि मनोविकारों ने मनुष्यों के जीवन को नर्क तुल्य बना दिया है। पुनर्जन्म के चक्र में आकर मनुष्य स्वयं के परिचय को भूलकर आत्म विस्मृत हो गया है तथा देह अभिमान के वषीभूत होने से दुखी और अषांत है।

ब्रह्माकुमारी विद्या दीदी प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय द्वारा दत्त अखाड़ा क्षेत्र बड़नगर रोड में सत्यम शिवम सुंदरम आध्यात्मिक मेले में आयोजित राजयोग शिविर में प्रवचन कर रही थीं। उन्होंने बतलाया कि मन और बुद्धि से परमात्मा को याद करना ही राजयोग कहलाता है। योग का अर्थ ही है संबंध जोड़ना। इसका विपरीत शब्द है वियोग अर्थात् बिछुड़ना। चूंकि गुणों और शक्तियों का अविनाशी स्त्रोत परमात्मा ही हैं। अतः उनकी याद से न सिर्फ हमें सच्ची खुशी मिलती है वरन् हमारे जीवन से रोग और शोक भी मिट जाते हैं।

अपने प्रेरक उद्बोधन में उन्होंने अध्यात्म के अत्यन्त गूढ़ रहस्यों को सहज ढ़ंग से स्पष्ट करते हुए कहा कि परमपिता परमात्मा को याद करने के लिये साधक, साध्य और साधना – इन तीन बातों की पहचान जरूरी है। उन्होंने कहा कि जैसे बिजली के तारों को जोड़ने के लिये उसके ऊपर का रबर उतारना पड़ता है, ठीक वैसे ही परमात्मा से सर्व प्राप्तियां करने के लिये हमें अपने देह के भान को भूलना होगा। चूंकि परमात्मा स्वयं निराकार हैं, अर्थात् उनका अपना शरीर नहीं है अतः उनसे सम्बन्ध जोड़ने के लिये हमें भी उनके समान निराकारी स्थिति में स्थित होना पड़ेगा।

ब्रह्माकुमारी विद्या दीदी ने आगे कहा कि राजयोग से अतिइन्द्रीय सुख की अनुभूति होती है, साथ ही आत्मा के निजी गुणों सुख, शांति, आनन्द, प्रेम आदि की भी अनुभूति कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि हठयोग और राजयोग में यही मूल अंतर है। राजयोग हमें परमात्मा के निकट ले जाता है जबकि हठयोग में परमात्मा की जगह किसी न किसी बाहरी वस्तुओं पर ध्यान लगाने पर जोर दिया जाता हैै या फिर किसी व्यायाम आदि की शिक्षा दी जाती है। सुखद अनुभूति के फलस्वरूप ही राजयोग साधना पद्धति देश-विदेश में तेजी से लोकप्रिय हो रही है।

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ब्रह्माकुमारीज़ मेले में आज हुआ सन्तों का संगम

ब्रह्माकुमारियाॅं समाज में आध्यात्मिकता की लहर फैला रही हैं…

प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय द्वारा दत्त अखाड़ा क्षेत्र बड़नगर रोड में तैयार सत्यम शिवम सुंदरम आध्यात्मिक मेले में आज कई जाने-माने संतों का आगमन हुआ। सभी ने मुक्त स्वर से मेले की सराहना करते हुए कहा कि इससे समाज में आध्यात्मिकता का वातावरण फैलाने में मदद मिल रही है।

सर्वप्रथम पंचदशनाम जुना अखाड़ा भरूच के महामंडलेश्वर स्वामी अलखगिरि महाराज ने मेले का अवलोकन करने के बाद अपने उद्गार व्यक्त करते हुए कहा कि इस मेले से व्यक्ति के मन में नवशक्ति का संचार होता है। पूरे विश्व में मातृशक्ति को महत्वपूर्ण स्थान प्राप्त है। परमात्मा ने कहा है कि पांच हजार वर्ष् बाद मानव जाति का उद्धार करने मैं आउंगा। वर्तमान समय गीता के ज्ञान को चरितार्थ करने का सद्प्रयास ब्रह्माकुमारी संस्थान द्वारा किया जा रहा है, जो कि सराहनीय है। यह संस्थान ओम षान्ति के माध्यम से पूरे विष्व में शान्ति का सन्देश देने का कार्य कर रही है।

गंगाभजन आश्रम हरिद्वार के महामण्डलेश्वर स्वामी अनंतानंद ने अपने आशीवर्चन में कहा कि वर्तमान समय कलियुग में काम, क्रोध आदि विकार समाज में बढ़ रहे हैं। ऐसे समय में ब्रह्माकुमारी बहनें मेले के माध्यम से समाज में शान्ति और एकता का सन्देश दे रही हैं। लोग व्यसनों की ओर दौड़ रहे हैं, उन्हें देवत्व की ओर मोड़ने का कार्य यह संस्थान कर रहा है। उन्होंने कहा कि सभी मनुष्यात्माएॅं पाप कर्मों को छोड़कर पुण्यात्मा बन जाएॅ ंतो यह दुनिया सुखमय बन जाएगी। यह पूछे जाने पर कि दुनिया में बढ़ रही तमोप्रधानता को दूर करने के लिए उनका संगठन क्या प्रयास कर रहा है? उन्होंने बतलाया कि हमारी संस्कृति बहुत विराट है। शिक्षा के अभाव में हमारा मानसिक उत्थान नहीं हो पाया। सिंहस्थ में सन्तों के द्वारा जो जागरण का कार्य हो रहा है, उससे समाज में परिवर्तन अवश्य आएगा।

रसिक पीठाधीश्वर अयोध्या के महामण्डलेश्वर स्वामी जन्मेजय शरण ने कहा कि सत्यम षिवम सुन्दरम मेले में ईश्वर को ढूॅंढने का मार्ग प्रदर्षित किया गया है। विषयों का प्रस्तुतिकरण सराहनीय है। सभी देखने वालों को आनन्दित कर रहा है। सभी मण्डप विशेषकर चैतन्य देवियों की झाॅंकी आकर्शित करने वाली है। वर्तमान समय कितने सारे स्कूल कालेज खुलते जा रहे हैं लेकिन यह सभी सिर्फ उदर पूर्ति के साधन बन गए हैं। केवल ब्रह्माकुमारी संस्थान ही एकमात्र विद्यालय है जहाॅं ईश्वर से मिलने का मार्ग बतलाया जाता है। वह जहाॅं भी जाते हैं इस संस्थान का उल्लेख करना नहीं भूलते हैं।

स्वामी जन्मेजय ने बतलाया कि वह चार बार माउण्ट आबू जा चुके हैं। वहाॅं की सुव्यवस्था देखकर ऐसा लगता है कि साक्षात स्वर्ग में आ गए हों। इस संस्थान के प्रयासों से समाज में देवत्व का प्रभाव बढ़ रहा है। मेले में चैतन्य देवियों की झाॅंकी आत्म बोध का दर्शन्‍ा कराने वाला है।

30 अप्रैल को शाम को 6.30 बजे उद्योग एवं व्यापार प्रभाग की परिचर्चाः

प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय के मेला ग्राउण्ड में कल शनिवार, 30 अप्रैल को शाम 6.30 बजे उद्योग एवं व्यापार में सफलता का आधार -आध्यात्मिकता विषय पर परिचर्चा होगी, जिसमें नगर के गणमान्य उद्योगपति एवं व्यापारी भाग लेंगे।

प्रेषकः मीडिया प्रभाग,

प्रजापिता ब्रह्माकुमारीज, उज्जैन

सम्पर्क-9425519514

 

 

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Brahma kumaris ujjain

उज्जैन में महाकाल लोक लोकार्पण कार्यक्रम मैं संतो के साथ ​ब्रह्माकुमारी बहनों का सम्मान-

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उज्जैन में ज्योतिर्लिंग महाकालेश्वर मंदिर के विस्तारीकरण में महाकाल लोक का नव निर्माण किया गया।
श्री महाकाल लोक का लोकार्पण कार्यक्रम देश के माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के कर कमलों द्वारा संपन्न हुआ।
देश भर से 200 से अधिक ओजस्वी संतो की गरिमामई उपस्थिति रही। जिसमे ब्रह्माकुमारी संस्था को भी विशेष आमंत्रित किया गया। इंदौर जोन की प्रशासनिक निर्देशिका राजयोगिनी ब्रह्माकुमारी हेमलता दीदी जी एवं उज्जैन क्षेत्र की निर्देशिका राजयोगिनी ब्रह्माकुमारी उषा दीदी को विशेष अतिथि के तौर पर मध्य प्रदेश पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री उषा ठाकुर ने सम्मानित किया। साथ में ब्रम्हाकुमारी अनीता बहन (इंदौर)ब्रम्हाकुमारी उषा बहन(इंदौर), ब्रह्मा कुमारी मंजू बहन (उज्जैन)का भी सम्मान किया गया।
ब्रम्हाकुमारी बहनों ने मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान जी से मिलकर परमात्म संदेश दिया। देश भर के विशिष्ट साधु-संतों महामंडलेश्वर शांति स्वरूपानंद जी, बाल योगी उमेश नाथ जी, आचार्य अवधेशानंद जी, ऋषिकेश के चिदानंद सरस्वती जी, महामंडलेश्वर नारदानंद जी, सिंधी समाज के आतम दास जी , रामेश्वर दास जी, आदी अनेक संतों से मुलाकात हुई।       जिन के कुछ फोटो अटैच है
1.महामंडलेश्वर साधुओं से मिलते हुए ब्रह्माकुमारी दीदीया।                                      
2.माननीय मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान जी(मध्य प्रदेश) एवं महामंडलेश्वर बाल योगी उमेश नाथ जी ,राजयोगिनी हेमलता दीदी जी(निर्देशिका इंदौर),उषा दीदी जी(संचालिका उज्जैन)अनीता दीदी, उषा दीदी मंजू दीदी।,            
3.मध्य प्रदेश पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री श्रीमती उषा ठाकुर के साथ ब्रह्माकुमारी बहने. 
4.राजयोगिनी हेमलता दीदी जी का सम्मान करते हुए मध्य प्रदेश पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री श्रीमती उषा ठाकुर.                                              
5.वाल्मीकि धाम के महामंडलेश्वर बाल योगी स्वामी उमेश नाथ जी के साथ ब्रह्माकुमारी हेमा दीदी, ब्रम्हाकुमारी उषा दीदी, अनिता बहन, उषा बहन,मंजू बहन.                                  
6.उज्जैन सिंधी समाज के मुख्य अलग धाम मंदिर के पीठाधीश्वर स्वामी आतम दास जी महाराज ब्रह्माकुमारी मंजू बहन से चर्चा करते हुए      
7.संत सम्मान के बाद बहने
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Doctors day celebration ujjain Rishinagar

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प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय ऋषि नगर उज्जैन द्वारा 1 जुलाई को नेशनल डॉक्टर्स डे मनाया गया। शिव दर्शन धाम के हारमनी हॉल में आयोजित कार्यक्रम में शहर में सेवारत डॉक्टर का सम्मान किया गया। कार्यक्रम में शहर के जाने-माने डॉक्टर्स सम्मिलित हुए।
1. डॉक्टर सुशील गुप्ता
 ( एम.डी मेडिसिन ,डायरेक्टर एस एस हॉस्पिटल)
2. डॉक्टर राजेंद्र बंसल
( ई.एन.टी स्पेशलिस्ट ,डायरेक्टर संजीवनी हॉस्पिटल)
3. डॉक्टर जया मिश्रा (गायनेकोलॉजिस्ट ,डायरेक्टर जे.के नर्सिंग होम एंड स्टैड फोर्ड स्कूल)
4. डॉक्टर श्रीपाल देशमुख (चाइल्ड स्पेशलिस्ट, डायरेक्टर देशमुख हॉस्पिटल)
5. डॉक्टर भोजराज शर्मा (आर.एम.ओ सिविल हॉस्पिटल उज्जैन)
6. डॉक्टर महेश मरमट
(ऑर्थो स्पेशलिस्ट)
7. विकास उथरा
(चेस्ट स्पेशलिस्ट्स)
8.डॉ निलेश व्यापारी
   (होम्योपैथिक)
9.डॉक्टर राजेश मेहता
    (रेडियोलॉजिस्ट)
10.डॉक्टर रुचि उतरा
     (डेंटिस्ट).
11. डॉ विमल गर्ग
     (एम.डी मेडिसिन)
  डॉक्टर जया मिश्रा ने कहा मरीज और डॉक्टर का संबंध विश्वास पर टिकता है। मरीज के विश्वास का ही फल है कि डॉक्टर उसका इलाज कर पाता है।
 डॉक्टर महेश मरमट ने कहा डॉक्टर को भगवान ना समझे इंसान है इंसान ही रहने दे गलती उससे भी होती हैं।
डॉक्टर सुशील गुप्ता जी ने कहा फेमिली डॉक्टर वह ब्रिज है जो मरीज और स्पेशलिस्ट डॉक्टर को जोड़ता है। उसकी भूमिका बहुत बड़ी होती है।
डॉक्टर श्रीपात देशमुख जी ने कहा आज के समय में फिजिकल हेल्थ, मेंटल हेल्थ और इमोशनल हेल्थ तीनों का ही ध्यान रखना बहुत जरूरी है।
डॉक्टर भोजराज शर्मा जी ने कहा ब्रह्मा कुमारीज माउंट आबू में मेडिकल कॉन्फ्रेंस माइंड बॉडी मेडिसिन आयोजित किया जाता है ।जिसमें हम यह समझते हैं कि किसी भी बीमारी के इलाज में पहली भूमिका मन की फिर शरीर और अंत में मेडिसिन की है। राजयोग के निरंतर अभ्यास से हमारा मन शक्तिशाली बनता है शांति और धैर्य चित भी।
डॉक्टर विमल गर्ग जी ने फैमिली डॉक्टर की आवश्यकता पर प्रकाश डाला साथ ही अपने अनुभव से उन्होंने कहा राजयोग से मन में शीतलता,शांति और संतुष्टता की प्राप्ति होती है।
उज्जैन सेवा केन्द्र प्रभारी राजयोगिनी उषा दीदी जी के कर कमलों द्वारा सभी डॉक्टर्स को सम्मान पत्र एवं शॉल ओढ़ाकर  सम्मानित किया गया। कार्यक्रम का कुशल संचालन ब्रह्माकुमारी मंजू दीदी जी ने किया।
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23 March Brahma Kumaris Ujjain : Blood donation Camp

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