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1. जन आकर्षण का केन्द्र बना, सत्यम शिवम सुन्दरम मेला / 2.सिर्फ कथा सुनने में रूचि न हो, जीवन में बदलाव भी लाएं : साध्वी किशोरी कृष्णा
प्रेस विज्ञप्ति १:
मनोरंजन के साथ-साथ शिक्षा और प्रेरणा भी
जन आकर्षण का केन्द्र बना, सत्यम शिवम सुन्दरम मेला
उज्जैन, १४ मई: सिंहस्थ में प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय द्वारा दत्त अखाड़ा क्षेत्र में बडऩगर रोड पर बना सत्यम शिवम सुन्दरम आध्यात्मिक मेला इन दिनों जन आकर्षण का केन्द्र बना हुआ है। शिक्षा विज्ञान और अध्यात्म के इस त्रिवेणी संगम को देखने के लिए २० से २५ हजार लोग रोजाना आ रहे हैं।
सिंहस्थ में परम्परागत अखाड़े के साथ-साथ कथावाचक भी आए हुए हैं किन्तु फिर भी ब्रह्माकुमारीज के मेले को देखने के लिए प्रतिदिन जाने-माने सन्तों के अलावा आम जनता की भारी भीड़ जुट रही है। मेले में कुल नौ मण्डप बनाए गए हैं। प्रत्येक मण्डप में विभिन्न विषयों को स्पष्ट करने के लिए चित्रों और मूर्तियों का सहारा लिया गया है। इन सभी मण्डपों का संयोजन इतना दर्शनीय है कि लोग मूर्तियों के साथ फोटो लेने से अपने आपको रोक नहीं पाते हैं।
मेले में चित्रों को समझाने के लिए प्रशिक्षित गाइडों की व्यवस्था की गई है। अध्यात्म की सहायता से गाँव को कैसे आदर्श गाँव बनाया जा सकता है। इसे दर्शाते हुए यहाँ पर एक गोकुल गांव भी बनाया गया है। जहाँ पर बहुत से लोग अपनी बुराइयों का दान करते हुए देखे जा सकते हैं।
चैतन्य देवियों को देखने भीड़ उमड़ रही:
प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय द्वारा सजाई गई चैतन्य देवियों की झाँकी भी अपनी अलौकिकता के कारण भारी भीड़ खींच रही है। शारीरिक और मानसिक स्थिरता के इस अद्भुत प्रदर्शन को देखकर लोगों के लिए यह निर्णय करना मुश्किल हो जाता है कि यह सजीव हैं या जड़ मूर्तियाँ। इस झाँकी के अन्तर्गत माँ दुर्गा, लक्ष्मी, सरस्वती, गायत्री, जगदम्बा, सन्तोषी माता, उमा देवी और माँ काली की जीवन्त प्रस्तुति को देख लोग अवाक रह जाते हैं। इसकी सबसे बड़ी विशेषता यह है कि प्रत्येक देवी के महत्व एवं परिचय को संगीतमय कमेन्ट्री के माध्यम से बड़े ही रोचक ढंग से समझाया जाता है, जो कि बड़ा ही मनोरम प्रतीत होता है। इसे रोजाना सायं ६ बजे से रात्रि १० बजे के मध्य देखा जा सकता है। कुछ क्षण उस वातावरण में बैठने से दर्शकों को इन देवियों के द्वारा प्रवाहित शान्ति और शक्ति के प्रकम्पनों की अलौकिक अनुभूति होती है।
मेला विदेशियों को भी लुभा रहा:
प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय द्वारा दत्त अखाड़ा क्षेत्र में बडऩगर रोड पर सिंहस्थ में लगाया गया सत्यम शिवम सुन्दरम आध्यात्मिक मेला सिंहस्थ में आम जनता और साधु-सन्तों के साथ साथ विदेशियों को भी लुभा रहा है। इसी क्रम में आज स्वीडन से आए हुए दस सदस्यीय विदेशियों का दल मेला देखने के लिए आया। सभी ने बहुत ही रूचि के साथ मेला देखा। उन्हें अंग्रेजी भाषा में ब्रह्माकुमारी वासुमती दीदी ने मेला समझाया। जो कि उनके जीवन का अनोखा अनुभव था। मेला देखने के बाद विदेशियों ने कुछ समय राजयोग मेडिटेशन का अभ्यास किया। इस बीच उनकी जिज्ञासाओं का समाधान भी किया गया।
प्रेस विज्ञप्ति २:
सिर्फ कथा सुनने में रूचि न हो, जीवन में बदलाव भी लाएं : साध्वी किशोरी कृष्णा
उज्जैन, १४ मई: हरिद्वार की कथावाचक साध्वी किशोरी कृष्णा ने मेले का अवलोकन करने के बाद अपने विचार रखते हुए कहा कि अपने को सिर्फ कथा सुनने तक ही सीमित नहीं करें बल्कि अपने आपको बदलने का पुरूषार्थ करें। कथा सुनाने के पीछे हमारा यही उद्देश्य होता है कि लोगों के जीवन में बदलाव आए। यहाँ पर कोई भी परमानेन्ट नहीं है। जो आया है वह जाएगा। इसलिए परमार्थ करना शुरू करो।
उन्होंने बतलाया कि वह कथा सुनाने के लिए गाँव-गाँव जाती हैं और उनका अनुभव है कि गाँवों में नारी का सम्मान कम है। शास्त्रों में लिखा है कि जिस घर में नारी का सम्मान नहीं उस घर में देवी-देवता निवास नहीं करते हैं। इसलिए नारी का सम्मान करना सीखें।
उन्होंने कहा कि ब्रह्माकुमारी संस्थान और माउण्ट आबू की बहुत महिमा सुनी थी लेकिन आज प्रत्यक्ष दर्शन करने का सौभाग्य आज मिला। बहुत अच्छा लगा।
प्रेषक: मीडिया प्रभाग,
प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय
सत्यम शिवम सुन्दरम आध्यात्मिक मेला, उज्जैन
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