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शिव हैं भोले भण्डारी– ब्रह्माकुमारी सरिता दीदी

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शिव हैं भोले भण्डारी–   ब्रह्माकुमारी सरिता दीदी

उज्जैन १० मई : प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय द्वारा दत्त अखाड़ा क्षेत्र बडऩगर रोड में आयोजित राजयोग अनुभूति शिविर में ब्रह्माकुमारी सरिता दीदी ने कहा  शिव भोलानाथ भोले भण्डारी इस संसार के बीज रूप हैं, जो कि अपने वायदे के अनुसार धर्म ग्लानि के समय इस धरा पर अवतरित होते हैं। शिव तो वैसे भी सदैव कल्याणकारी हैं। सर्व आत्माओं के सत्पिता सत्शिक्षक और सत्गुरू हैं।  शिव के भण्डारे अखुट तथा भरपूर  हैं। वे शंाति प्रेम आनंद पवित्रता और ज्ञान के सागर हैं। रूप में वे ज्योति स्वरूप हैं लेकिन गुणों के सिन्धु हैं अर्थात् सागर के समान हैं। शिव के द्वाद्वश ज्यार्तिलिंग का अपना महत्व है। शिव पारब्रह्म परधाम के निवासी हैं। कहा भी जाता है कि ज्ञान सूर्य प्रगटा अज्ञान अंधेरे विनाश। शिव परमात्मा अपना सत्य परिचय ब्रह्मा तन में प्रवेश करके स्वयं आकर के देते हैं। अमरनाथ पशुपतिनाथ सोमनाथ महाकाल बबुलनाथ पापकटेश्वर आदि सहस्त्रनाम उनके कर्तव्यवाचक हैं। सर्व संबंधों का सुख देने वाला, सर्व रिश्ते-नाते निभाने वाला वह एक ही है। शिव को मात-पिता बन्धु सखा व किसी भी संबंध से याद कर सकते हैं ।  वर्तमान समय परिवर्तन का समय चल रहा है। कलियुग समाप्ति की ओर है और आने वाला स्वर्णिम काल सतयुग होगा, क्योंकि कालचक्र सदैव ही गतिमान है।

वर्तमान समय  पुरूषोत्तम संगमयुग चल रहा है। इस समय स्वयं परमात्मा पांच विकार काम क्रोध लोभ मोह अहंकार से ग्रसित मनुष्य आत्माओं को सत्य ज्ञान देते हैं। आत्मा सत्य है, यह शरीर विनाशी है। परमात्मा शिव को भी सत्यम शिवम सुन्दरम कहा जाता है। सत्यता की शक्ति महान है।  सत्य को अविनाशी भी कहते हैं। सत्यता की शक्ति सम्पूर्ण प्रकृति को भी सतोप्रधान बना देती है। भारत एक अविनाशी खण्ड और आध्यात्म प्रधान देश है, जो कि परमात्मा शिव की अवतरण भूमि है। शिव को बाबा कहकर पुकारते हैं। बाबा शब्द समीपता का अनुभव कराता है। बाबा बुजुर्ग व छोटे बच्चों को कह करके बुलाते हैं, जो कि एक प्यार का संबंध। शिव एक सर्वोच्च सत्ता है, जो कि निराकार तथा जन्म मरण से न्यारे हैं। उन्हें नाथ व ईश्वर के नाम से जाना जाता है जैसे कि रामेश्वर व गोपेश्वर, दूसरे शब्दों में सोमनाथ व अमरनाथ आदि जिसका अर्थ ही है स्वामित्व वा मालिक। देवतायें पुर्नजन्म में आते हैं वे कभी श्याम व सुन्दर का पार्ट बजाते हैं, लेकिन शिव सदा शिव हैं। देवताओं को कभी ईश्वर व परमात्मा नहीं कह सकते।

शिव को ब्रह्मा विष्णु और शंकर के रचयिता त्रिदेव कहते हैं। जो इन देवताओं के द्वारा सृष्टि के स्थापना पालना और विनाश का कार्य करते हैं। एक महत्वपूर्ण तथ्य यह है कि शिव और शंकर में अंतर है। कहने में भी आता है कि शिव परमात्माय नम: लेकिन शंकर को देवताये नम: कहा जाता हैं। शिव के मंदिर में जब हम जाते हैं तो शिवालय कहते हैं न कि शंकरालय। इसी तरह शिव अवतरण को शिवरात्रि के नाम से जाना जाता है न कि शंकररात्रि से। एक व्यक्ति के दो नाम हो सकते हैं लेकिन दो आकृति नहीं।  वे पिता हैं और शंकर उनकी रचना। सर्व आत्माओं के परमपिता परमात्मा शिव हैं। सभी आत्माओं को हक है शिव से शक्ति और वरदान लेने का। महाकाल की नगरी और महाकुम्भ का आयोजन कितना सुन्दर समागम है, ज्ञान-योग, भक्ति और भावनाओं का।

प्रेषक: मीडिया प्रभाग,

प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय

सत्यम शिवम सुन्दरम आध्यात्मिक मेला, उज्जैन

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Brahma kumaris ujjain

उज्जैन में महाकाल लोक लोकार्पण कार्यक्रम मैं संतो के साथ ​ब्रह्माकुमारी बहनों का सम्मान-

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उज्जैन में ज्योतिर्लिंग महाकालेश्वर मंदिर के विस्तारीकरण में महाकाल लोक का नव निर्माण किया गया।
श्री महाकाल लोक का लोकार्पण कार्यक्रम देश के माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के कर कमलों द्वारा संपन्न हुआ।
देश भर से 200 से अधिक ओजस्वी संतो की गरिमामई उपस्थिति रही। जिसमे ब्रह्माकुमारी संस्था को भी विशेष आमंत्रित किया गया। इंदौर जोन की प्रशासनिक निर्देशिका राजयोगिनी ब्रह्माकुमारी हेमलता दीदी जी एवं उज्जैन क्षेत्र की निर्देशिका राजयोगिनी ब्रह्माकुमारी उषा दीदी को विशेष अतिथि के तौर पर मध्य प्रदेश पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री उषा ठाकुर ने सम्मानित किया। साथ में ब्रम्हाकुमारी अनीता बहन (इंदौर)ब्रम्हाकुमारी उषा बहन(इंदौर), ब्रह्मा कुमारी मंजू बहन (उज्जैन)का भी सम्मान किया गया।
ब्रम्हाकुमारी बहनों ने मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान जी से मिलकर परमात्म संदेश दिया। देश भर के विशिष्ट साधु-संतों महामंडलेश्वर शांति स्वरूपानंद जी, बाल योगी उमेश नाथ जी, आचार्य अवधेशानंद जी, ऋषिकेश के चिदानंद सरस्वती जी, महामंडलेश्वर नारदानंद जी, सिंधी समाज के आतम दास जी , रामेश्वर दास जी, आदी अनेक संतों से मुलाकात हुई।       जिन के कुछ फोटो अटैच है
1.महामंडलेश्वर साधुओं से मिलते हुए ब्रह्माकुमारी दीदीया।                                      
2.माननीय मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान जी(मध्य प्रदेश) एवं महामंडलेश्वर बाल योगी उमेश नाथ जी ,राजयोगिनी हेमलता दीदी जी(निर्देशिका इंदौर),उषा दीदी जी(संचालिका उज्जैन)अनीता दीदी, उषा दीदी मंजू दीदी।,            
3.मध्य प्रदेश पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री श्रीमती उषा ठाकुर के साथ ब्रह्माकुमारी बहने. 
4.राजयोगिनी हेमलता दीदी जी का सम्मान करते हुए मध्य प्रदेश पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री श्रीमती उषा ठाकुर.                                              
5.वाल्मीकि धाम के महामंडलेश्वर बाल योगी स्वामी उमेश नाथ जी के साथ ब्रह्माकुमारी हेमा दीदी, ब्रम्हाकुमारी उषा दीदी, अनिता बहन, उषा बहन,मंजू बहन.                                  
6.उज्जैन सिंधी समाज के मुख्य अलग धाम मंदिर के पीठाधीश्वर स्वामी आतम दास जी महाराज ब्रह्माकुमारी मंजू बहन से चर्चा करते हुए      
7.संत सम्मान के बाद बहने
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Doctors day celebration ujjain Rishinagar

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प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय ऋषि नगर उज्जैन द्वारा 1 जुलाई को नेशनल डॉक्टर्स डे मनाया गया। शिव दर्शन धाम के हारमनी हॉल में आयोजित कार्यक्रम में शहर में सेवारत डॉक्टर का सम्मान किया गया। कार्यक्रम में शहर के जाने-माने डॉक्टर्स सम्मिलित हुए।
1. डॉक्टर सुशील गुप्ता
 ( एम.डी मेडिसिन ,डायरेक्टर एस एस हॉस्पिटल)
2. डॉक्टर राजेंद्र बंसल
( ई.एन.टी स्पेशलिस्ट ,डायरेक्टर संजीवनी हॉस्पिटल)
3. डॉक्टर जया मिश्रा (गायनेकोलॉजिस्ट ,डायरेक्टर जे.के नर्सिंग होम एंड स्टैड फोर्ड स्कूल)
4. डॉक्टर श्रीपाल देशमुख (चाइल्ड स्पेशलिस्ट, डायरेक्टर देशमुख हॉस्पिटल)
5. डॉक्टर भोजराज शर्मा (आर.एम.ओ सिविल हॉस्पिटल उज्जैन)
6. डॉक्टर महेश मरमट
(ऑर्थो स्पेशलिस्ट)
7. विकास उथरा
(चेस्ट स्पेशलिस्ट्स)
8.डॉ निलेश व्यापारी
   (होम्योपैथिक)
9.डॉक्टर राजेश मेहता
    (रेडियोलॉजिस्ट)
10.डॉक्टर रुचि उतरा
     (डेंटिस्ट).
11. डॉ विमल गर्ग
     (एम.डी मेडिसिन)
  डॉक्टर जया मिश्रा ने कहा मरीज और डॉक्टर का संबंध विश्वास पर टिकता है। मरीज के विश्वास का ही फल है कि डॉक्टर उसका इलाज कर पाता है।
 डॉक्टर महेश मरमट ने कहा डॉक्टर को भगवान ना समझे इंसान है इंसान ही रहने दे गलती उससे भी होती हैं।
डॉक्टर सुशील गुप्ता जी ने कहा फेमिली डॉक्टर वह ब्रिज है जो मरीज और स्पेशलिस्ट डॉक्टर को जोड़ता है। उसकी भूमिका बहुत बड़ी होती है।
डॉक्टर श्रीपात देशमुख जी ने कहा आज के समय में फिजिकल हेल्थ, मेंटल हेल्थ और इमोशनल हेल्थ तीनों का ही ध्यान रखना बहुत जरूरी है।
डॉक्टर भोजराज शर्मा जी ने कहा ब्रह्मा कुमारीज माउंट आबू में मेडिकल कॉन्फ्रेंस माइंड बॉडी मेडिसिन आयोजित किया जाता है ।जिसमें हम यह समझते हैं कि किसी भी बीमारी के इलाज में पहली भूमिका मन की फिर शरीर और अंत में मेडिसिन की है। राजयोग के निरंतर अभ्यास से हमारा मन शक्तिशाली बनता है शांति और धैर्य चित भी।
डॉक्टर विमल गर्ग जी ने फैमिली डॉक्टर की आवश्यकता पर प्रकाश डाला साथ ही अपने अनुभव से उन्होंने कहा राजयोग से मन में शीतलता,शांति और संतुष्टता की प्राप्ति होती है।
उज्जैन सेवा केन्द्र प्रभारी राजयोगिनी उषा दीदी जी के कर कमलों द्वारा सभी डॉक्टर्स को सम्मान पत्र एवं शॉल ओढ़ाकर  सम्मानित किया गया। कार्यक्रम का कुशल संचालन ब्रह्माकुमारी मंजू दीदी जी ने किया।
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23 March Brahma Kumaris Ujjain : Blood donation Camp

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